227-225 (8) इस्लाम लाना

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तौज़ीहुल मसाएल
233 - 228 (9) तबईयत224-223 (7) इन्तेक़ाल

 

मसअला 225. अपवित्र चीज़ों के भाग में हम कह चुके हैं कि एहतियाते वाजिब से अनुसार काफ़िर से बचना चाहिए। लेकिन अगर काफ़िर कल्म ए शहादतैन यानि اشھد ان لا الہ الا اللہ و اشھد ان محمدا رسول اللہ पढ़े तो मुसलमान हो जाएगा और उसका बदन पवित्र हो जाएगा। लेकिन अगर उसके बदन पर कोई अपवित्र वस्तु लगी हो तो उसको दूर करना और फिर उस स्थान को पवित्र करना होगा लेकिन अगर इस्लाम लाने से पहले अपवित्र चीज़ दूर हो गई हो तो फिर पवित्र करने की आवश्यकता नही है।
मसअला 226. इस्लाम लाते समय काफ़िर के बदन पर जो कपड़ा है तो एहतियाते वाजिब के अनुसार वह पवित्र नही होगा।
मसअला 227. काफ़िर अगर ज़बान से कलमा न पढ़े लेकिन दिल से उसके अर्थ पर ईमान रखता हो तो मुसलमान है लेकिन अगर ज़बान से तो कलमा पढ़े मगर पता चले कि यह दिल से ईमान नही रखता तो एहतियाते वाजिब के अनुसार उस से दूरी रखना चाहिए।
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