233 - 228 (9) तबईयत

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तौज़ीहुल मसाएल
238-234 (10) अपवित्र चीज़ का दूर हो जाना227-225 (8) इस्लाम लाना
मसअला 228. तबईयत का अर्थ यह है कि कोई वस्तु दूसरी वस्तु के अंतर्गत पवित्र हो जाए जिस का विवरण बाद में आने वाले मसअलों में बयान किया जाएगा।
मसअला 229. अगर शराब सिरका बन जाए तो जहां तक शराब या अंगूर उबाल खाए हुए बर्तन में लगा है वह भी इसी के अंतर्गत पवित्र हो जाएगा और अगर ढक्कन तक तरी पहुंची है तो सिरका बनने के बाद वह ढक्कन भी पवित्र हो जाएगा। लेकिन अगर उबाल खाते समय बर्तन से निकल कर उसके बाहरी भाग पर लग जाए तो सिरका होने के बाद बर्तन का बाहरी भाग पवित्र नही होगा।
मसअला 230. काफ़िरों के नाबालिग़ बच्चे अपने माँ बाप के मुसलमान होते ही पवित्र हो जाते हैं।
मसअला 231. जिस पत्थर पर मृत शरीर को ग़ुस्ल देते हैं और जिस कपड़े से मुर्दे के गुप्तांगों को ढकते हैं और मुर्दे को ग़ुस्ल देने वाले के हाथ यह सब ग़ुस्ल के समाप्त होने के बाद पवित्र हो जाते हैं।
मसअला 232. कपड़े आदि को अगर कुर से कम पानी से पवित्र करें और सामान्य तौर से इतना निचोड़े दें कि ग़ासाला (धुलने के बाद का वह पानी जो कपड़ों आदि में रह जाता है) निकल जाए तो कपड़े में बाक़ी रह जाने वाला पानी पवित्र है।
मसअला 233. अगर अपवित्र बर्तन को कुर से कम पानी दो धोएं तो जो बूंदे उसमें रह जाती हैं वह पवित्र हैं।
238-234 (10) अपवित्र चीज़ का दूर हो जाना227-225 (8) इस्लाम लाना
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