11. न तर्क न तशबीह

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हमारे(शियों के)अक़ीदे
12. नबियों की बेसत का फलसफ़ा 10. ज़ाते ख़ुदा की हक़ीक़त सबसे पौशीदा है

11)न तर्क न तशबीह

हमारा अक़ीदह यह है कि जिस तरह से अल्लाह की पहचान और उसके सिफ़ात की मारेफ़त को तरक करना सही नही है उसी तरह उसकी ज़ात को दूसरी चीज़ों से तशबीह देना ग़लत और मुजिबे शिर्क है। यानी जिस तरह उसकी ज़ात को दूसरी मख़लूक़ से मुशाबेह नही माना जा सकता इसी तरह यह भी नही कहा जा सकता है कि हमारे पास उसके पहचान ने का कोई ज़रिया नही है और उसकी ज़ात असलन काबिले मारेफ़त नही है। हमें इस बात पर ग़ौर करना चाहिए क्योँ कि एक राहे इफ़रात है दूसरी तफरीत।

12. नबियों की बेसत का फलसफ़ा 10. ज़ाते ख़ुदा की हक़ीक़त सबसे पौशीदा है
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